जादुई ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से शुक्रवार को संन्यास ले लिया है. टर्बनेटर हरभजन सिंह ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर के जरिए अपने संन्यास का ऐलान किया. इसके साथ ही भारतीय टीम का एक और युग समाप्त हो गया। उनके 23 साल के करियर में टीम के लिए कही मैच विनिंग पारी खेलकर मैच जीताया है. पंजाब के हरभजन ने अपने शानदार करियर के दौरान 103 टेस्ट में 417 विकेट, 236 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 269 विकेट और 28 टी20 इंटरनेशनल मुकाबलों में 25 विकेट निकाले हैं.
भज्जी ने सोशल मीडिया अकाउंट से एक मैसेज लिखा, 'मैं उस खेल को अलविदा कह रहा हूं जिसने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है, सभी अच्छी चीजें भी समाप्त हो जाती हैं. मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस 23 साल के लंबे सफर को बेहतरीन और यादगार बनाया.'
All good things come to an end and today as I bid adieu to the game that has given me everything in life, I would like to thank everyone who made this 23-year-long journey beautiful and memorable.
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) December 24, 2021
My heartfelt thank you 🙏 Grateful .https://t.co/iD6WHU46MU
हरभजन सिंह ने इच्छा जाहिर की है कि वह अगले आईपीएल सीजन के लिए कोच या मेंटर के तौर पर किसी एक टीम से जुड़ सकते हैं। हरभजन सिंह ने भारत के लिए अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2016 एशिया कप टी20 में यूएई के खिलाफ खेला था। वहीं, हरभजन पिछले आईपीएल सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स से जुड़े थे।
टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय
भज्जी एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जो टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने 2001 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों में 32 विकेट लिए थे। हरभजन टी20 वर्ल्ड कप (2007) और वनडे वर्ल्ड कप (2011) की विजेता टीम के सदस्य थे।
1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू
हरभजन सिंह ने भारत के लिए 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन्होंने 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया। भज्जी ने टेस्ट में 417 विकेट, एकदिवसीय मैचों में 269 और टी20ई में 25 विकेट लिए हैं।
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